बारिश और आँसू (Baris aur Aanshu Emotional Kahani)

रात गहरी थी। आसमान में बादल उमड़-घुमड़ रहे थे, जैसे किसी अनकही पीड़ा को छुपाने की कोशिश में हों। सड़क किनारे एक पुराना बरगद का पेड़ खड़ा था, जिसकी टहनियाँ हवा के झोंकों से काँप रही थीं। उसी पेड़ के नीचे, एक लकड़ी की बेंच पर बैठी थी सायरा। उसका चेहरा गीला था, पर यह समझना मुश्किल था कि गालों पर बूँदें बारिश की थीं या आँसुओं की।
सायरा की आँखें दूर क्षितिज पर टिकी थीं, जहाँ बिजलियाँ चमक रही थीं। उसके हाथ में एक पुराना पत्र था, जिसके किनारे समय के साथ पीले पड़ चुके थे। उसने उसे बार-बार पढ़ा था, इतनी बार कि हर शब्द उसके दिल में उतर चुका था। फिर भी, वह उसे बार-बार खोलती, पढ़ती, और फिर सीने से लगा लेती।
पत्र उसके भाई अयान का था। तीन साल पहले, एक ऐसी ही बरसाती रात में, अयान ने उसे अलविदा कहा था। वह विदेश जा रहा था, एक बेहतर ज़िंदगी की तलाश में। सायरा ने उसे रोकने की बहुत कोशिश की थी। “अयान, हमारी छोटी सी दुनिया ही काफी है। माँ, मैं, और तू… हमें और क्या चाहिए?” उसने रोते हुए कहा था। लेकिन अयान के सपने बड़े थे। वह शहर की तंग गलियों और माँ की बीमारी के बोझ से बाहर निकलना चाहता था। उसने वादा किया था कि वह जल्द लौटेगा, ढेर सारी खुशियाँ लेकर।
लेकिन तीन साल बीत गए। न कोई पत्र, न कोई फोन। बस, यह आखिरी पत्र, जो उसने हवाई अड्डे से लिखा था। “सायरा, मेरी प्यारी बहन, मैं तुम्हें कभी नहीं भूलूँगा। माँ का ख्याल रखना। मैं जल्द लौटूँगा।” ये शब्द अब सायरा के लिए एक खाली वादे की तरह थे।
सायरा की माँ पिछले साल चल बसी थीं। कैंसर ने उन्हें धीरे-धीरे खोखला कर दिया था। सायरा ने दिन-रात उनकी सेवा की, लेकिन माँ की आँखों में एक अधूरी इच्छा हमेशा दिखती थी—अयान को एक बार फिर देखने की चाहत। माँ की आखिरी साँसों में भी उन्होंने अयान का नाम पुकारा था। उस रात, सायरा का दिल टूट गया था। वह माँ को नहीं बचा सकी, और न ही अयान को वापस ला सकी।
आज, उस बरगद के पेड़ के नीचे, सायरा अकेली थी। बारिश तेज हो चुकी थी। उसने पत्र को फिर से खोला। इस बार, उसकी उंगलियाँ काँप रही थीं। वह पढ़ना चाहती थी, लेकिन आँसुओं ने उसकी आँखों को धुंधला कर दिया। “अयान, तूने वादा किया था…” उसने बुदबुदाया। उसकी आवाज़ बारिश के शोर में दब गई।
तभी, उसे दूर से किसी के कदमों की आहट सुनाई दी। उसने सिर उठाया। बारिश की बूँदों के बीच, एक धुंधली-सी आकृति उसकी ओर बढ़ रही थी। सायरा ने अपनी आँखें मलीं। उसका दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। क्या यह कोई भ्रम था? वह आकृति करीब आई, और फिर एक परिचित चेहरा उभरा।
“सायरा?” उसकी आवाज़ में वही पुरानी गर्माहट थी, वही भाई का प्यार।
“अयान?” सायरा की आवाज़ काँप गई। वह उठी, लेकिन उसके पैर डगमगा गए। वह विश्वास नहीं कर पा रही थी।
अयान उसके सामने खड़ा था। उसका चेहरा थका हुआ था, आँखें लाल थीं। उसके कंधे पर एक पुराना बैग लटक रहा था। वह बारिश में भीग चुका था, लेकिन उसकी आँखों में एक अजीब-सी चमक थी।
“मैं… मैं लौट आया, सायरा,” उसने कहा, लेकिन उसकी आवाज़ में शर्मिंदगी थी।
सायरा ने उसे गौर से देखा। तीन साल में वह बदल गया था। उसके चेहरे पर झुर्रियाँ थीं, और आँखों में एक अनकहा दर्द। लेकिन वह वही अयान था, उसका भाई। सायरा का गुस्सा, उसकी शिकायतें, सब बारिश के साथ बह गए। वह दौड़कर उससे लिपट गई।
“तू कहाँ था, अयान? तूने माँ को नहीं देखा… तूने मुझे अकेला छोड़ दिया!” सायरा रोते हुए बोली।
अयान ने उसे कसकर गले लगाया। “मुझे माफ कर दे, सायरा। मैं… मैं सपनों के पीछे भागता रहा। मैंने सोचा था कि मैं तुम्हें और माँ को एक बेहतर ज़िंदगी दूँगा। लेकिन मैं गलत था। मैंने सब खो दिया।”
सायरा ने सिर उठाकर उसे देखा। “तूने मुझे नहीं खोया, अयान। मैं अभी भी हूँ।”
उस रात, दोनों भाई-बहन उस बरगद के पेड़ के नीचे देर तक बैठे रहे। बारिश थम चुकी थी, लेकिन उनके गालों पर आँसू अब भी बह रहे थे। अयान ने बताया कि विदेश में उसने बहुत मेहनत की, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया। उसने नौकरियाँ बदलीं, पैसे कमाए, लेकिन हर बार कुछ न कुछ गलत हो जाता। आखिरकार, उसे एहसास हुआ कि असली खजाना तो वह अपने पीछे छोड़ आया था—उसका परिवार।
“माँ को मैंने मरने दिया, सायरा,” अयान ने धीमी आवाज़ में कहा। “मैं उनके लिए कुछ नहीं कर सका।”
सायरा ने उसका हाथ पकड़ा। “माँ तुझे माफ कर चुकी थीं, अयान। उन्होंने आखिरी बार तेरा नाम लिया था, लेकिन उनकी आँखों में गुस्सा नहीं, प्यार था।”
उस रात, सायरा और अयान ने एक-दूसरे को सँभाला। उन्होंने वादा किया कि अब कभी अलग नहीं होंगे। बारिश ने उनके दर्द को धोया, और आँसुओं ने उनके दिलों को जोड़ा।
बरगद का पेड़ चुपचाप खड़ा था, जैसे वह उनकी कहानी का गवाह बन रहा हो। सुबह की पहली किरण ने आसमान को सुनहरा कर दिया। सायरा और अयान ने एक-दूसरे का हाथ थामा और घर की ओर चल पड़े। उनके कदम भारी थे, लेकिन दिल हल्का था।
जीवन ने उन्हें बहुत कुछ छीना था, लेकिन प्यार ने उन्हें फिर से जोड़ दिया। बारिश और आँसू, दोनों ने मिलकर उनकी कहानी को पूरा किया।
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