बादशाह का मजाक (Akbar Birbal Rochak Kahani)

एक दिन बादशाह अकबर अपने दरबार में बैठे थे। उनका मूड हल्का-फुल्का था, और उन्होंने सोचा कि क्यों ना बीरबल के साथ मजाक किया जाए। अकबर ने बीरबल को बुलाया और गंभीर चेहरा बनाकर कहा, “बीरबल, हमने सुना है कि तुम बहुत बड़े ज्योतिषी हो। क्या तुम बता सकते हो कि हमारी मृत्यु कब होगी?”
दरबार में सन्नाटा छा गया। सभी को लगा कि यह सवाल तो बीरबल को मुश्किल में डाल देगा। लेकिन बीरबल ने अपनी चिर-परिचित मुस्कान के साथ जवाब दिया, “जहाँपनाह, मैं कोई ज्योतिषी तो नहीं, पर इतना जरूर बता सकता हूँ कि आपकी आयु बहुत लंबी होगी।”
अकबर ने मजाक को और बढ़ाते हुए कहा, “नहीं, बीरबल! हमें ठीक-ठीक दिन और समय बताओ।” अकबर को यकीन था कि अब बीरबल फँस जाएगा।
बीरबल ने एक पल सोचा और बोले, “हुजूर, मैं आपको सटीक बता दूँगा। आपकी मृत्यु मेरी मृत्यु के ठीक नौ दिन पहले होगी।”
यह सुनकर अकबर ठहाका मारकर हँस पड़े। उन्हें समझ आ गया कि बीरबल ने न सिर्फ सवाल का जवाब दिया, बल्कि चतुराई से यह भी जता दिया कि उनकी सुरक्षा अब बादशाह के हाथ में है। अगर अकबर को लंबा जीना है, तो बीरबल को भी सुरक्षित रखना होगा। दरबार में मौजूद सभी लोग बीरबल की इस हाजिरजवाबी पर मुस्कुरा उठे।
अकबर ने कहा, “बीरबल, तुम सचमुच अनमोल हो! तुमने हमारा मजाक उसी मजाक में उड़ा दिया।” और फिर उन्होंने बीरबल को इनाम से नवाजा।
नैतिक शिक्षा: बुद्धि और हास्य से हर मुश्किल सवाल का जवाब दिया जा सकता है।
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