सुनहरा पौधा (Sunhara Poudha Tenali Rama Kahani)

tanali rama ki kahani

विजयनगर साम्राज्य में एक बार की बात है, महाराज कृष्णदेव राय के दरबार में एक विचित्र घटना घटी। एक दिन सुबह-सुबह, एक दूर देश से आया व्यापारी दरबार में हाजिर हुआ। उसके हाथ में एक छोटा-सा गमला था, जिसमें एक पौधा था, जिसके पत्ते सुनहरे रंग में चमक रहे थे। व्यापारी ने दावा किया, “महाराज, यह सुनहरा पौधा जादुई है। जो इसे अपने पास रखता है, उसका भाग्य चमक उठता है। लेकिन इसकी कीमत है—दस हजार स्वर्ण मुद्राएँ!”

महाराज आश्चर्य में पड़ गए। सुनहरा पौधा देखने में इतना सुंदर था कि दरबार के सभी लोग मंत्रमुग्ध हो गए। राजगुरु ने सलाह दी, “महाराज, यह पौधा हमारे खजाने की शोभा बढ़ाएगा। इसे खरीद लेना चाहिए।” लेकिन तेनाली रामा, जो हमेशा की तरह चुपचाप सब सुन रहा था, मुस्कुराने लगा।

महाराज ने तेनाली की ओर देखा और पूछा, “तेनाली, तुम्हें क्या लगता है? क्या हम इसे खरीद लें?” तेनाली ने जवाब दिया, “महाराज, पहले मुझे इस पौधे को एक रात अपने घर ले जाने की इजाजत दें। मैं इसका रहस्य खोलना चाहता हूँ।”

महाराज ने इजाजत दे दी। तेनाली पौधे को लेकर अपने घर गया। उस रात, वह पौधे के पास बैठा और उसकी हर पत्ती को ध्यान से देखने लगा। उसने देखा कि पत्तियों पर सुनहरा रंग चमक रहा था, लेकिन कुछ पत्तियों के किनारे हल्के हरे थे। तेनाली ने एक पत्ती को हल्के से रगड़ा, और देखा कि सुनहरा रंग उंगलियों पर लग गया। वह समझ गया कि यह कोई जादुई पौधा नहीं, बल्कि एक साधारण पौधा है, जिस पर सुनहरा रंग चढ़ाया गया है।

अगले दिन तेनाली दरबार में लौटा, लेकिन अपने साथ पौधा नहीं लाया। उसने महाराज से कहा, “महाराज, वह पौधा मेरे घर में रातभर चमकता रहा, लेकिन सुबह होते-होते वह गायब हो गया! शायद उसका जादू खत्म हो गया।” व्यापारी घबरा गया और बोला, “यह कैसे हो सकता है? वह पौधा तो असली है!”

तेनाली ने मुस्कुराते हुए कहा, “महाराज, मैंने उस पौधे की जाँच की। यह कोई जादुई पौधा नहीं, बल्कि एक साधारण पौधा है, जिस पर सुनहरा रंग पोता गया है। मैंने रात को उसका रंग साफ किया और पौधे को अपने बगीचे में लगा दिया। वह अब हरा-भरा है, लेकिन जादुई नहीं।”

महाराज को सच्चाई समझ आ गई। उन्होंने व्यापारी को सजा दी और तेनाली की बुद्धिमानी की तारीफ की। तेनाली ने हँसते हुए कहा, “महाराज, असली सुनहरा पौधा तो बुद्धि है, जो हर मुश्किल को हल कर देती है!”

Moral of Story: चमक-दमक पर भरोसा करने से पहले उसकी सच्चाई को परखना चाहिए।

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