अंतिम पहेली (Antim Paheli Tenali Rama Story Hindi)

antim paheli tenali rama story hindi

विजयनगर साम्राज्य में एक बार की बात है, महाराज कृष्णदेव राय के दरबार में उत्सव का माहौल था। पड़ोसी राज्य से एक विद्वान पंडित आए थे, जो अपनी पहेलियों के लिए प्रसिद्ध थे। उन्होंने घोषणा की कि वह एक ऐसी पहेली पेश करेंगे, जिसे कोई नहीं सुलझा पाएगा। यदि कोई इसे सुलझा लेता है, तो वह अपनी हार मान लेंगे और विजयनगर की बुद्धिमत्ता को सलाम करेंगे। महाराज ने यह चुनौती स्वीकार की और अपने सबसे चतुर दरबारी, तेनाली रामा, को आगे बुलाया।

पंडित ने एक रहस्यमयी मुस्कान के साथ पहेली सुनाई:
“मेरे पास एक जादुई संदूक है। उसमें तीन रंगों के रत्न हैं—लाल, नीले और हरे। संदूक में कुल सात रत्न हैं। यदि तुम लाल रत्न गिनो, तो वे नीले रत्नों से दो अधिक हैं। और यदि नीले रत्न गिनो, तो वे हरे रत्नों से एक कम हैं। बताओ, प्रत्येक रंग के कितने रत्न हैं? पर एक शर्त है—तुम्हें यह जवाब बिना कागज-कलम के, सिर्फ़ अपने दिमाग से देना होगा, और वह भी सूर्यास्त से पहले!”

दरबार में सन्नाटा छा गया। गणित के विद्वान भी उलझन में पड़ गए। कोई हिसाब लगाता, तो कोई मन ही मन गिनती करता। समय बीतता जा रहा था, और सूर्यास्त करीब आ रहा था। तेनाली रामा चुपचाप कोने में बैठे, अपनी ठुड्डी सहलाते हुए कुछ सोच रहे थे।

महाराज ने अधीर होकर पूछा, “तेनाली, क्या तुम्हें कोई रास्ता दिख रहा है? यह पहेली सचमुच कठिन है!”

तेनाली ने हल्के से मुस्कुराते हुए कहा, “महाराज, यह पहेली उतनी कठिन नहीं, जितनी दिख रही है। बस इसे दिल से नहीं, दिमाग से देखना होगा।”

तेनाली उठे और पंडित की ओर मुखातिब हुए। “मैं जवाब देता हूँ। संदूक में चार लाल रत्न, दो नीले रत्न और एक हरा रत्न है।”

पंडित चौंक गए। “इतनी जल्दी? तुमने हिसाब कैसे लगाया? जरा समझाओ!”

तेनाली ने शांत स्वर में कहा, “पंडित जी, आपने कहा कि लाल रत्न नीले रत्नों से दो अधिक हैं। यानी, यदि नीले रत्न N हैं, तो लाल रत्न N+2 होंगे। फिर आपने कहा कि नीले रत्न हरे रत्नों से एक कम हैं। यानी, यदि हरे रत्न G हैं, तो नीले रत्न G-1 होंगे। साथ ही, कुल रत्न सात हैं। अब, मान लीजिए हरे रत्न G हैं। तो नीले रत्न G-1 और लाल रत्न (G-1)+2 यानी G+1 होंगे। इनका योग सात होना चाहिए: G + (G-1) + (G+1) = 3G = 7। लेकिन 7 को 3 से भाग देने पर पूर्णांक नहीं मिलता, जो संभव नहीं।”

दरबार में सब हैरान थे। तेनाली ने आगे कहा, “इसलिए मैंने सोचा कि शायद पहेली में कोई चाल है। मैंने तार्किक रूप से गिनती शुरू की। मान लिया कि हरे रत्न 1 हैं, तो नीले रत्न 2 (क्योंकि 1 कम), और लाल रत्न 4 (क्योंकि 2 से 2 अधिक)। अब, 1 + 2 + 4 = 7। यह पहेली के सभी नियमों को पूरा करता है।”

पंडित ने तालियाँ बजाईं। “तेनाली, तुम सचमुच बुद्धिमान हो! लेकिन यह मेरी अंतिम पहेली नहीं थी। मेरी असली चुनौती यह थी कि क्या कोई इस पहेली को बिना लिखे, सिर्फ़ दिमाग से हल कर सकता है। और तुमने यह कर दिखाया!”

महाराज प्रसन्न हुए और तेनाली को एक सोने का हार भेंट किया। तेनाली ने हँसते हुए कहा, “महाराज, असली इनाम तो यह है कि विजयनगर की बुद्धि की कीर्ति आज फिर साबित हुई!”

गांव की कहानियां (Village Stories in Hindi)

मजेदार कहानियां (Majedar Kahaniyan)

अकबर बीरबल कहानियां (Akbar Birbal Kahaniyan)

Scroll to Top